मेरी पोती बड़ी सयानी
नाम रखा है उसका देवयानी
अपनी उम्र से दसगुना जानना चाहे
पेट में उसके लम्बी दाढ़ी।
नांच ,गाना,कराटे,ड्राॅइंग,
लिखाई-पढ़ाई में भी फाइन,
मेहनत करती सबमें गाढ़ी
पेट में उसके लम्बी दाढ़ी।
एक सवाल पर दस सवाल करती
जवाब सारे बड़े ध्यान से सुनती,
नींद में भी नहीं रुकती प्रश्नों की गाड़ी
पेट में उसके लम्बी दाढ़ी।
नहीं भूलती कोई बात,
अक्षर अक्षर रखती याद,
बच्ची समझ कर कभी ना बनती अनाड़ी
पेट में उसके लम्बी दाढ़ी।
सोमनाथ दरशन करने को
हम दोनों लाइन में खड़े थे,
पास के एक आले में
गणपति गौरा सजे थे।
हमने कहा उससे,चलो,हाथ जोड़ो
आंखें बंद करके गणपति का करो ध्यान,
बल,बुद्धि ,विद्या दें उन जैसी तुमको,
बनाए तुम्हारा चरित्र महान।
देवयानी ने आंखें बंद कर लगाया ध्यान
हमने भी पंचाक्षरी मंत्र ,आरती का किया गान,
आंखें खोली तो देखा ,देवयानी ध्यान मग्न थी,
मुख पर स्वेद बिंदु और भक्ति असीम थी।
हमने जब पुकारा उसका नाम
चौकी वो ऐसे, जैसे ना था कोई ध्यान
हमने कहा क्या किया गणेश ने देने का वादा,
वो बोली बल, विद्या, बुद्धि ,मगर उनसे ज्यादा।
पापा को खुश करूंगी खूब पढ़ाई कर के
मम्मी की ,गणेश जी से ज्यादा, रक्षा करूंगी
पहनाऊंगी उनसे भी ज्यादा सुंदर साड़ी,
पेट में उसके लम्बी सी दाढ़ी।