जिसने मुझें सम्पूर्ण नारित्व का अहसास कराया 
हृदय की गहराईयों तक ममत्व का आभास कराया
जिसकी एक झलक रूह तक सुंकुन दे जाती हैं
मासूम सी उसकी हंसी मन को मोह जाती हैं 
मनमोहनी सी सुरत में मेरा ही तो अक्ष नजर आता है 
देखती रहूं दिन – रैन अपलक मन कहां भर पाता है
मीठी – मीठी वाणी से जब मांँ कह कर पुकारती है
जहां भर की खुशियों से झोली भर जाती हैं
छुपा कर आंचल की छांव में आ तुझे दुलार करू 
लें लूं सारी ब्लाईया लाल मिर्च से तेरी नजर उतारू
संग – संग रहूं पल- पल तेरी परछाई बन जाऊं
छन – छन मतवाली चाल पर बलिहारी जाऊं
आज वहीं शुभ दिन हैं जब मेरी गोद में तू आई 
मेरी नन्ही परी जन्म दिवस की हार्दिक बधाई
मेरी नन्ही कली फूले फले हमेशा ख़ुशबू से महकती रहे 
दीर्घायु हो ,स्वस्थ रहे ,खुशियों से हमेशा चहकती रहे
नेहा धामा ” विजेता ” बागपत , उत्तर प्रदेश
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