वक्त ,एक बहुत छोटा शब्द ,लेकिन  इसके वृहद मायने,वक्त कभी किसी के लिए रुकता नहीं, न ही पीछे मुड़ने का मौका ही देता है।
जो वक्त का दामन पकड़ कर नहीं चलते वे पीछे रह जाते हैं।
सब कुछ था उनकी ज़िंदगी में, लेकिन धीरे धीरे करके समय बदलता गया।
वो लम्हा जब प्यार था ,पता नहीं प्यार किस आंधी में उड़ गया ।
परसों उसकी शादी है दूसरी ,25सालों का दम घोटू सफर सालों पहले खत्म हुआ था।लेकिन वो खुश नहीं थी भी और नहीं भी ,बीते दिनों की यादें नश्तर चुभो रही थी। अनमनी सी वो यादों के भंवर में खो गई।
कॉलेज का प्यार था नमित,दोनों की खुशनुमा शाम कॉलेज के कैंटीन में गुजरती ।सभी उनके प्यार को देख रश्क करते ,लेकिन उन प्यार के पंक्षियों को किसी की परवाह नहीं थी।वे कॉफी के साथ भविष्य के सपने बुना करते।
बी कॉम के बाद दोनों ने कैट (CAT) की परीक्षा दी।दोनों का ही दाखिला आईआईएम बैंगलोर में हुआ।
एमबीए की पढ़ाई करते करते उन्हें देशी विदेशी कंपनियों में नौकरी के ऑफर मिलने लगे। रितु और नमित ने फैसला किया था ,अपना खुद का व्यवसाय करने की, लेकिन बिना पूंजी के  कारोबार सोचना ही असम्भव था। इसके लिए उन्होंने कुछ दिन नौकरी करने का फैसला किया।
दोनों को एक ही कंपनी में जॉब मिल गया।उनकी खुशी का ठिकाना न रहा।
रितु आज कैफे डे में मिलते हैं,_ नमित ने कहा।
रितु ने कहा _ठीक है।
रितु शाम को बैठी नमित का इंतजार कर रही थी।
नमित आकर रितु के सामने  बैठ गया।
क्या बात है , नमित अभी तो हम दिन में मिले ही थे,फिर इस समय…?
नमित कुछ बोलता उससे पहले वेटर ,”फ्लावर्स एंड पेटल्स “से एक फ्रेश फ्लावर का गुलदस्ता और कार्ड रितु के पास लेकर आता है।
रितु ने आश्चर्य से पूछा _ये किसने भेजा है?
वेटर ने कहा_मैडम मुझे नहीं मालूम,और चला गया।
रितु  ने घबरा कर कार्ड खोला तो उसमें किसी का नाम नहीं था ,सिर्फ _ मेरे प्यार को मेरी तरफ से यही लिखा था।
नमित रितु के चेहरे पर आते ,जाते भावों को बड़े गौर से देख रहा था।
रितु हैरान_परेशान हो बड़बड़ा रही थी ,पता नहीं किसने भेजा ,मिल जाए तो उसका मुंह तोड़ दूं।
अचानक नमित उठा  और कुर्सी सरका धीरे से  रितु के पास आ गया । रितु  कुछ समझती उसने रितु का हाथ अपने हाथ में रखा ।
रितु मैं तुम्हारे साथ अपनी आगे की जिंदगी गुजारना चाहता हूं, विल यू मैरी मीं।
पर नमित  …।
पर क्या? क्या तुम मुझे नहीं प्यार करती।
ऐसा नहीं है,पर अभी तो हमारी जॉब लगी है ,हमारे आगे और भी सपने हैं,शादी करके वो कैसे पूरे होंगे?
होंगे … क्यों नहीं होंगे_नमित ने कहा।
अच्छा ठीक है,में मम्मी से बात कर लूं।
नमित और रितु का विवाह सबकी सहमति से बड़े धूमधाम से हुई।
दोनों बहुत खुश थे।समय पंख लगाकर उड़ रहा था।अब उन्होंने धीरे धीरे अपने व्यवसाय का भी खाका तैयार कर लिया था।
न चाहते हुए भी , रितु की गोद में नन्हा मेहमान आने वाला था। रितु खुश नहीं थी ,उसकी महत्व _कांछा दम तोड़ने वाली थी।
नमित ने उसे समझाया _कोई दिक्कत नहीं होगी रितु एक नैनी रख लेंगे,बच्चे की देखभाल के लिए,तुम परेशान न हो 
रितु ने भरे मन से नए शिशु के आगमन के लिए अपने आप को तैयार किया।
नियत समय पर ऑपरेशन से  एक प्यारी सी गुड़िया ने जन्म लिया, रितु बेहोश थी , उसे होश नहीं था ।जब होश में आई तो नमित ने बताया ,हम मां,पिता बन चुके हैं ,एक प्यारी सी गुड़िया ने जन्म लिया है,चेहरे पर एक संतोष का भाव आया और सेकंड भर में ही चला गया।
पर नमित हमारी गुड़िया कहां है?_रितु ने पूछा।
उसे डॉक्टरों ने उसे न्यूनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा है _नमित ने कहा।
पर क्यों? रितु घबरा गई।
तब तक नर्स गुड़िया को लेकर आ गई।
नमित ने नर्स से लेकर रितु को गुड़िया की गोद में डाल दिया।
ओह,मेरी बच्ची _रितु उसे देख भूल गई कि क्यों उसकी गुड़िया की एनआईसीयू में रखा था।
बहुत सुंदर गोल मटोल थी,वो ,लग ही नहीं रही थी की अभी थोड़ी देर पहले उसने जन्म लिया था।काले काले बाल भी थे उसके ,रितु उसको देख सब भूल गई और सीने से चिपका लिया।
एक सप्ताह बाद नमित , रितु और नन्ही गुड़िया को लेकर घर आ गया।गुड़िया को आशीर्वाद देने के लिए एक छोटी सी पार्टी रखी गई।
रितु ने देखा जिस हिसाब से बच्चे बढ़ते हैं उस तरह से गुड़िया का विकास नहीं हो रहा था ,वह 6 महीने तक अपनी गर्दन तक संभाल नहीं पा रही थी ,बहुत से डॉक्टरों को दिखाया कुछ किसी की समझ में नहीं आया।
1 साल होने को था वो  चल भी नहीं पा रही थी।
अब सारा समय रितु का उसमें ही जाता था,नौकरी छोड़ दी।
नमित  अपने बिजनेस में ज्यादा ध्यान देने लगा ,उसने भी अपनी नौकरी छोड़ दी थी।
अब वह घर पर कम ही रहता , रितु  भी चिड़चिड़ी हो गई थी ,इस कारण जब वो घर में रहता तो दोनों में झगड़े ही होते फिर सुलह हो जाती ,जैसा की आम पति पत्नी में होता है।
एक दिन किसी ने बताया की डॉक्टर मलिक से मिलो,वो शायद सही बता पाएं,वह डॉक्टर से मिलने गई ,डॉक्टर ने देखते ही ,बता दिया ,बच्ची को सेरेब्रल पाल्सी है।
सेरेब्रल पाल्सी यानि मस्तिष्क पक्षाघात।जो विभिन्न कारणों से हो सकती थी, इसमें मांसपेशियों में जकड़न,मानसिक मंदता,विकास की प्रक्रिया भी बाधित होती है।
रितु ने डॉक्टर से पूछा _डॉक्टर साहब लेकिन ऐसा क्यों हुआ?
डॉक्टर मलिक ने बताया _रितु जी ,बहुत सारे मामले में ये जन्म के बाद ,भी होता है,जैसे सर पर गंभीर चोट लग जाये,या किसी गंभीर बीमारी से बच्चा ग्रस्त हो ,जैसे मेनेंजाइटिस जैसी।
लेकिन जैसा की आप बता रहीं की आपकी बच्ची रिया ,सिजेरियन है तो ऐसी संभावना है कि जन्म के समय डॉक्टरों की लापरवाही से किसी औजार से उसके सर में चोट लगी हो,ऑक्सीजन की कमी हो गई हो।
रितु ने बताया_हो सकता है डॉक्टर ,क्योंकि जन्म के बाद उसे एनआईसीयू में रखा गया था ,मेरे पति ने बताया था कि उसे ऑक्सीजन की कमी हो गई थी।
क्या कुछ सुधार हो सकता है_रितु ने पूछा।
बहुत तो नहीं ,लेकिन कुछ हद तक _डॉक्टर मलिक ने बताया।
क्रमशः
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