गरज गरज जोरों की थी
हुआ था बहुत हो हल्ला
स्वच्छ भारत अभियान का
हाथ में थामे थे सब झंडा।
सड़कें, गलियों, नालियों की
सफाई कर सबने खींचे फोटो
स्वच्छता के नाम पर बस
कर दी थी खानापूर्ति।
“मेरा शहर” तब ऐसा था
जिसने हृदय से ये कदम उठाया
स्वच्छता मिशन का सच्चा
मॉडल बन विश्व में नाम कमाया।
स्थानीय प्रशासन ने बागडोर
अपने हाथों में दृढ़ता से थामी
योजना दर योजना काम
कर फिर स्वच्छता में बाज़ी मारी।
सर्वप्रथम सफाई कर्मी और
शहर वासियों की मानसिकता को बदला
अभियान को क्रांति बनाकर
जन जन तक पहुंचाया।
मेहनत मेरे शहर की रंग लाई
स्वच्छता अभियान में मिला शीर्ष स्थान
एक नहीं, दो नहीं, पांच बार 
स्वच्छता सर्वेक्षण में ये बना रहा सरताज
ये हमारा स्वच्छतम शहर “इंदौर”….
स्वरचित
शैली भागवत “आस”
इंदौर
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