इतना तो सह लिया है, इसको भी सह लूंगा।
मुझे चाह नहीं किसी की, अकेला जी लूंगा।।
लेट्स मि लिव एलोन, लेट्स मि लिव एलोन।
इतना तो सह लिया है——————।।
अपनों ने साथ छोड़ा, मजबूरी देखकर मेरी।
यारों ने साथ छोड़ा, मुफलिसी देखकर मेरी।।
रूठी है मुझसे किस्मत, बुरा है वक़्त मेरा।
घबराता नहीं फिर भी, यह गम भी पी लूंगा।।
लेट्स मि लिव एलोन, लेट्स मि लिव एलोन।
इतना तो सह लिया है——————।।
मेरे साथ होगा क्या कल, क्यों ऐसा सोचूं मैं आज।
राहों में देखकर कांटें, कदम क्यों रोकूं मैं आज।।
जो मेरा साथ देगा, वही साथी मेरा होगा।
नहीं पाप किसके मन में,यही मैं भी मान लूंगा।।
लेट्स मि लिव एलोन, लेट्स मि लिव एलोन।
इतना तो सह लिया है—————–।।
चाहे महल नहीं मेरा, नहीं फूलों की सेज मेरे घर।
नहीं साथी कोई मेरा, अफसोस नहीं है मगर।।
बिकता है प्यार तो आज, ईमान कहाँ है जिंदा।
हर रिश्ता मतलबी है, ऐसा मैं सोच लूंगा।।
लेट्स मि लिव एलोन, लेट्स मि लिव एलोन।
इतना तो सह लिया है——————-।।
साहित्यकार एवं शिक्षक-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
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