रंग रंगीलो एडो मारो राजस्थान
केर सांगरी ओर मतीरा
ज्वार बाजरा मक्का तीरा
राबड़ी का प्याला वीरा
ढोलक चंग बजे मजीरा
एडो मारो राज,,,,,,,
केसरिया साफा में वीरा
चुड़लो खनके चमके हीरा
एकतारा रा बोल है झींना
बोले मोर पपीहा धीरा
एडो मारो राज,,,,,,, 
मायड़ एडा पूत है पावे
बिना शीश के ही लड़ जावे
वीरगति है जो पा जावे
जग में कमधज नाम कमावे
एडो मारो,,,,,,,,,
राणा ओर पन्ना री धरती
खुना रा नाला सु बहती
इन् री गाथा हल्दी कहती
रेता री तो नदिया बहती
एडो मारो,,,,,,,
झीलों ओर महलों की जाई
अठे पूजे कालिका माई
हिंडोले गणगोर झुलाई
पीवे देखो रबड़ी मलाई
एडोमरो,,,,,  
तुर्रा कलँगी रा खेल अठे 
पद्मिनी र जौहरअठे
चंदन र जेड़ा पूत अठे
मीरा री देखो भक्ति अठे
संध्या पंवार राजस्थान
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