छोटी-सी ज़िन्दगी में जीता है,
हर कोई हालातों से लड़कर
करता है जी तोड़ कोशिशें,
बनाता है ज़िन्दगी को बेहतर 
उसके मेहनत के पसीने से ही,
निखरती है ज़िन्दगी अकसर
पाता नहीं मंजिल वरना,
कोई यूँही अनजान राहों में चलकर
गुज़रता है हर इंसान कभी ना कभी,
दुखों के साये से होकर
पा लेता है सबकुछ एक दिन,
अपना सबकुछ खोकर
ठोकर खाकर गिरता है,
फिर चलता है संभलकर
आसान नहीं आगे बढ़ना,
हर बार हौसला यूँ बांधकर
मानो तो सब कुछ मिलता है,
 ज़िन्दगी में सही वक़्त आने पर
न मानो तो गुज़र जाता है वक़्त भी
दबे पाँव सबक ज़िन्दगी का देकर
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