मानवता

तर्ज क्या मिलिए ऐसे लोगों से……….

मानवता अब बची नहीं लगता सारे संसार में।

कोई किसी की मदद न करता, भूला घर परिवार में।1 संस्कार मर्यादा भूले, आव भगत न जाने है।

मतलब नहीं किसी से सब मोबाइल के दीवाने हैं।

दीन हीन की मदद न करते धर्म का पाठ पढ़ाते हैं।

भूखें को भोजन न देते तीर्थ हज को जाते हैं।

टेक आज भाई का दुश्मन भाई देखा हर परिवार में 0………..

2 माता पिता की सेवा भूले, घरवाली की सुनते हैं।

धर्म कर्म की बात सुनेना,जाल कपट का बुनते हैं।

लड़के नकल करें लड़की की,अपने केश बढ़ाते हैं।

लड़की बाले लड़कों के घर में, बारात ले जाते हैं।

टेक रामायण को भूले, महाभारत होता घर द्वार में 0……

3 दंगा लूट आतंकवाद से ये दुनिया घबराई है।

गऊ गंगा बेटी न सुरक्षित अब तो ये सच्चाई है।अनाचार अरु अत्याचार की ऐसी चली बयार है।

कालनेमि संग कालयवन की भारत मे भरमार है।

टेक अब बलराम कृष्ण आजाओ, धरती मां इंतजार में 0…….

किसी की मदद कोई न करता भूला घर परिवार में 0……

बलराम यादव देवरा छतरपुर..

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