महिलाओं को नमन हमारा,
बनती हैं वो सबका सहारा |
ममता की मूरत वो होती ,
प्रेमिका सी चंचल वो होती ,
पत्नी की हया लगती प्यारी,
महिमा उनकी सब पर भारी |
महिलाओं को……………….
फुलवारी सी खिलती नारी ,
हर रूप में यहां मिलती नारी ,
धर्म कर्म की रक्षा नारी करती,
संस्कारों की पहचान हैं नारी |
महिलाओं को……………….
आकाश के जैसी होती हैं वो ,
पानी सी निर्झर बहती है वो ,
धरती को समा ले वो खुद में ,
सम्मान ऊंचा रखती हैं वो |
महिलाओं को……………….
दो कुलों का मान वो बढ़ाती ,
नर की भी शान वो बढ़ाती ,
सृजन नया करती है वो ,
देश की वो आन बढ़ाती |
महिलाओं को……………….
ऊंची उड़ान है वो भरती ,
सीमा पर भी है वो लड़ती ,
हौसले होते बुलंद उसके ,
रिश्ते सारे बखूबी निभाती |
महिलाओं को……………….
ज्ञान विज्ञान की शिक्षा देती सबको ,
श्रृद्धा अर्चना से मनाती रब को ,
तोड़ कर सारे बंधन को नारी ,
आईना नया दिखाती जग को |
महिलाओं को……………….
जितने रुप चाहोगे नारी में ,
रंग उतने मिलेंगे इस क्यारी में ,
है नौ देवियों के रूप का संगम ,
मिलती अप्सराओं की सुंदरता,
होती मन की भावुकता नारी में |
महिलाओं को……………….
शिखा अरोरा (दिल्ली)