मैं कैसा हूँ यह नहीं सोचो तुम, मनाओ जश्न तुम मेरे दोस्तों।
तुम्हें जो मिली हैं खुशियां उनका, लो तुम मजा मेरे दोस्तों।।
मैं कैसा हूँ यह नहीं सोचो——————।।

खुदा न करें ऐसे दिन हो तुम्हारे, जीना पड़े तुम्हें मुफलिसी में।
माँगता हूँ रब से हमेशा दुहा मैं, हमेशा रखें तुमको नसीबी में।।
दिन हैं तुम्हारे बहारों के, महकाओ मन तुम मेरे दोस्तों।
तुम्हें जो मिली हैं खुशियां उनका, लो तुम मजा मेरे दोस्तों।।
मैं कैसा हूँ यह नहीं सोचो——————-।।

रुसवां है मुझसे मेरा नसीब, तोहमत तुमपे लगाता नहीं मैं।
गर्दिश में क्यों मेरा है जीवन, गल्फ इसकी सुनाता नहीं मैं।।
नसीबवर हो तुम मकबूल बनो, जलावो शमां तुम मेरे दोस्तों।
तुम्हें जो मिली हैं खुशियां उनका, लो तुम मजा मेरे दोस्तों।।
मैं कैसा हूँ यह नहीं सोचो———————।।

गर शिकवा है तुमको मेरे सँग से, सच मुझसे तुम छुपाओ नहीं।
चला जाऊँगा मैं बहुत दूर तुमसे, नजर तुम्हें कभी आऊंगा नहीं।।
बेकश हूँ मैं, तुम महफ़िल सजाओ, मनाओ नहीं शोक मेरे दोस्तों।
तुम्हें जो मिली हैं खुशियां उनका, लो तुम मजा मेरे दोस्तों।।
मैं कैसा हूँ यह नहीं सोचो——————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

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Gurudeen Verma

By Gurudeen Verma

एक शिक्षक एवं साहित्यकार(तहसील एवं जिला- बारां, राजस्थान) पोस्टेड स्कूल- राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नांदिया, तहसील- पिण्डवाड़ा, जिला- सिरोही(राजस्थान) 2900 से ज्यादा रचनायें

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