हंसते चेहरे के पीछे कितना छिपा है दर्द मत पूछिए
आंखों से बहते अश्कों में झांकते हुए फर्ज़ मत पूछिए
मेहनत से बने उस घर की तारीफ़ करते रहिएं हुजूर
पर उसके पीछे लिए गए इतने कर्ज़ को मत पूछिए
शरीर में लगी चोट कितनी हैं ज़रा देख लीजिए गौर से
दिल को खोखला कर रहे लाइलाज मर्ज को मत पूछिए
गाइए गुनगुनाइए शौक़ से , किसी भी गीत को आप
पर किसने बनाया उसके बेहतरीन तर्ज़ को मत पूछिए
संगीता शर्मा