आज 25/01/2022 तिथि है जिसे हमारे देश भारत वर्ष में ‘मतदाता-दिवस के रूप में जाना जाता है,तो आइए हम जानते है कि यह कबसे,क्यों और कैसे चर्चित हुआ –:
विश्व में भारत जैसे सबसे बड़े लोकतंत्र में मतदान को लेकर कम होते रुझान को देखते हुए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाने लगा था। इसके मनाए जाने के पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्य था कि देश भर के सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान की जाएगी, जिनकी उम्र एक जनवरी को 18 वर्ष हो चुकी होगी। इस सिलसिले में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज किए जाएंगे और उन्हें निर्वाचन फोटो पहचान पत्र सौंपे जाएंगे। पहचान पत्र बाँटने का काम सामाजिक, शैक्षणिक व गैर-राजनीतिक व्यक्ति करेंगे।
भारत निर्वाचन आयोग पूरे देश में इस बार 13वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को सेलीब्रेट कर रहा है। चूँकि वर्ष 1950 से स्थापित चुनाव आयोग के 61वें स्थापना वर्ष पर 25 जनवरी 2011 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का शुभारंभ किया था। इस आयोजन के दो प्रमुख विषय थे, ‘समावेशी और गुणात्मक भागीदारी’ तथा ‘कोई मतदाता पीछे न छूटे’। इसी विचार श्रृंखला को लेकर आगे बढ़ा जा रहा है।
इस दिन मतदाताओं को जागरुक किया जाता है कि हर एक वोट देश की तरक्की के लिए जरूरी होता है। मतदाता दिवस मनाने का उद्देश्य पात्र मतदाताओं की पहचान कर उन्हें मत देने के लिए प्रोत्साहित करना है। लोकतांत्रिक देश के नागरिकों को उनके कर्तव्य को याद दिलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
मतदाता दिवस के दिन देश भर के सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में पात्र मतदाताओं की पहचान की जाती है। पात्र मतदाताओं में 18 साल की उम्र के हो चुके युवा शामिल किए जाते हैं। इन मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में दर्ज करके उन्हें निर्वाचन फोटो पहचान पत्र सौंपे जाते हैं। हर साल मतदाता दिवस के दिन वोटरों को मतदान करने की शपथ भी दिलाई जाती है ताकि वह एक नागरिक के तौर पर लोकतंत्र की रक्षा के लिए जागरूक रहें।
धन्यवाद!
लेखिका –
सुषमा श्रीवास्तव
उत्तराखंड