जीवन के हर मोड़ पर, भेद भाव से भरा संसार है ,
कहीं जात पात तो कहीं ,धर्म के नाम पर  बवाल है
कहीं गोरे का कहीं  काले का भेद है
तो कही अमीर का  गरीब पर होता दिखाई देता अत्याचार है !!
कही बेटी बेटे में  तो कहीं ,बहु बेटी में  दिखता भेदभाव है 
बेटे को दी जाती  पूरी आजादी, बेटी की छीनी जाती आजादी
बेटे पर न कोई पहरा  न अनुशासन
बेटी पर सब करते हैं शासन 
बहु पढ़ी लिखी कमाऊ हो साथ में गृह कार्य में दक्ष चाहिए 
बेटे  को घर में पड़े पड़े केवल बादशाहियत चाहिए!
कहीं योग्य और अयोग्य  में, तो कहीं अपने पराए में भेद  दिखाई देता है 
और तो और कही  बच्चों में भेद, भाई बहनों में भी भेदभाव साक्षात दिखाई देता  है
जिसकाओहदा बड़ा वो होता सम्मान का पात्र
जो है मंद बुद्धि उसका कोई नही दरकार!
ये सामाजिक और जातीय भेदभाव का नाटक ,बंद होना चाहिए,
दिमाग को विस्तृत कर बड़ी सोच रखनी चाहिए!
ये भेदभाव के चोचले हमने ही बनाए है
आपस में व्यर्थ की दूरियां फैलाए हैं!!
गर सब मिलजुलकर भेद भाव मिटाएंगे 
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में  गले लग जाएंगे!
ऊंच नीच अमीरी गरीबी, का भेदभाव मिटेगा जब
देश मेंएकता भाईचारा सौहार्द का, वातावरण दिखेगा तब !!
छोड़ के भेदभाव  बेटी बेटा को, एक बराबर तुम  समझो
बहु किसी की बेटी है, उसको भी बेटी  समझो 
गरीब के पास भी दिल दिमाग है उसको  कम तुम मत आंको,
वैश्य सूद ब्राह्मण क्षत्रिय में किसी को कम और  अधिक मत मानो!
जिस दिन ये भेद भाव, जन जन के मन से हट जाएगा,
उस दिन ये राष्ट्र हमारा, सचमुच एडवांस कहाएगा!!
Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *