💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞

ज़िन्दगी भी क्या क्या रंग दिखाती है
किसके ज़िन्दगी मे खुशी तो
किसी के भाग्य मे गरीबी मिल जाती है
कौन पूछता है उन्हें जिसके सर पे छत नहीं
आजकल के रईजी तो
बस आपस मे ही दोस्ती निभाती है
कितना फर्क होता है न ज़िन्दगी उनका
जो महलो व ईमारतो मे पले है
हर ख्वाहिश पूरी होती है बिन मांगे
जिनके सर पर माँ बाप के साया होती है
लेकिन सबसे अलग कुछ ज़िन्दगीया 
ऐसा भी होता है दुनिया मे
जिनके सर पे न छत कोई
न अपनों का साथ जीवन मे होता है
लाचार व अनाथ है जो जन्म से ही
दुसरो के उतरन पहनकर 
मिट्टी के आँचल मे रात बिताते है
क्या धुप या बारिश,क्या बारिश की बुँदे गिरे
गुज़ारते है ज़िन्दगी सड़को पे अपनी
किसी से गिला भी नहीं कर सकते है 
जो दो वक़्त की रोटी भी
मुश्किल से भीख मे मिले न मिले
क्या बीतती होंगी उस बच्चों पर
जो हर दिन लोगो की धुतत्कार सहते है
क्या गुनाह होता है उनकी
जो उनका बचपन भीख मांगते बीतते है 
नसीब से जो मिल जाते एक सिक्का भी
देने वाले को लाख दुवाए वो देते है
जाने क्यूँ वो ईश्वर भी
उनके मज़बूरी नहीं समझ पाते है
गर होते कोई अपने भी उनके
तो ज़िन्दगी के कुछ अलग ही मंज़र होते
होते उनके आँखों मे भी सपने ज़िन्दगी के
वो भी बाकि बच्चों की तरह पढ़ाई करते
पछतावा नहीं होता उन्हें जीने पर
जो रात दिन करोडो तकलीफे सहते है 
इसे तकदीर का खेल कहें
या दोष किस्मत का
या कौन ऐसे बच्चों की गुन्हेगार है
एक शहर की बात नहीं यहाँ
दुनिया की हर कोने मे
ऐसी जाने कितने ज़िन्दगीया पाए जाते है 
जिन्हे कुचल दिया लाचारी ने
और वो खुदके दिन चलाने के लिए 
लोगो के सामने भीख मांगने पर मजबूर होते है
देख कर ऐसी परिस्थितियां ज़हान मे
मन के आक्रोश उत्पन्न होता है
होती दिल से उस खुदा से शिकायत
की कैसी ये जीवन इन बच्चों के भाग्य मे दिया है 
क्यूँ भेजा ए खुदा इन मासूमों को दुनिया मे
जहाँ कोई इनका कदर नहीं करता है
देना है गर ज़िन्दगी ही किसी को तो
ए ईश्वर उन्हें कम से कम
जीने की कोई जरिया भी दे देते 
नहीं तो मत भेजना धरती पर किसी को
जहाँ बच्चों को भी
भीख मांगने जैसे सज़ा मिलता है…..!!
💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞
नैना…. ✍️✍️
Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *