सारी दुनिया में अनोखा, भारतीय परिधान
हम भारतीयों के संस्कृति की यही पहिचान ।।
भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में ,अलग परिधान का पहनावा
भारतीय संस्कृति ,लगती हो इक सुंदर छलावा ।।
उत्तर से लेकर दक्षिण, पूर्व से पश्चिम तक
सुंदर परिधानों से सुसज्जित,देश के हर कोने तक ।।
परिलक्षित होता , हमारा भारतीय परिधान
पवित्र धरा में युगों-युगों से रहा यही विधान ।।
भिन्न-भिन्न संस्कृति का भारत देश हमारा
सारी दुनिया में अपना वतन है ये प्यारा ।।
“अनेकता में एकता ” का नाम है भारत
हर भाषा में अंकित , देश की इबारत ।।
सारी दुनिया में अनोखा ,भारतीय परिधान
हम भारतीयों के संस्कृति की यही पहिचान ।।
मनीषा ठाकुर (कर्नाटक)