धारावाहिक भाग -३
वहां से बचकर निकले के बाद वह दूसरे गैंग में शामिल हो गई ।इस बार मुन्नी अपने गांव( जहां उसके मां बाप रहते थे) आयी मां को जैसे ही उसने प्रणाम किया मां अपना पैर पीछे कर ली ।और उसे वहां से जाने को कहा।
मुन्नी : मां अभी तो आई हूं कैसी हूं यह नहीं पूछोगी ।मां : अरे काहे को पूछूंगी तू मेरे लिए कब का मर चुकी है।तेरे वजह से ठाकुरों ने देख क्या किया तेरे बाबूजी कामुन्नी : मां पोछ ले यह आंसू ,आंसू बहावेंगे वह ठाकुर मां: अब भी नहीं सुधरी अरे छोड़ दे यह सब कितने प्यार से हम तुझे कंगन पहनाए थे और तू बंदूक उठा ली ।मुन्नी : इसे मामूली ना समझ क्योंकि जब यह बंदूक बोलता है तो सब चुप हो जाते है । देख ना मां आज हमारी जमीन भी हमारे पास है । “किसके वजह से , सिर्फ इस बंदूक के वजह से ।मां : बहुत बुरे कर्म किए थे हम और तेरे बाबूजी ने जो तू पैदा हुई । अरे मर काहे ना गई जन्म लेते।अब कितना बुरा दिन दिखवाएगी ।मुन्नी : ठीक है मां तू जाने कहती है ना, मै जा रही हूं पर सुन ले अबकी बार आऊंगी तो पूरा गांव मेरे डर से सुना हो जाएगा ।यह कहते वह अपने साथियों के साथ चल दी।वह और उसके साथियों ने बंदूक ऊपर उठाई और गोली चलाने लगे गोली के आवाज से पूरा गांव डरा हुआ था। उनलोगो को लगा कि शायद यह ठाकुरों की गैंग है। सब अपने अपने घरों मै छिपे हुए थे।मुन्नी आई तो थी पर क्रांति बन कर फिर क्या था वह सबसे पहले थाने गई जहां उसके पिता के सामने उसका बलात्कार किया गया था ।उस पुलिस को मुन्नी के साथियों ने घचिटा और बहुत पिटाई किया मुन्नी ने अपने साथियों को बीच में रोककर उससे बोली ।”अरे छोड़ो साले को इसको तो मै मारूंगी”यह कहते हुए मुन्नी उसके मुंह में बंदूक डाली और ट्रिगर दबा दी ।उसके मरने के बाद भी ना जाने कितने गोली दाग दी उस पुलिस के सीने में। इसे दुर्गा के रूप में देखकर वहां के स्टाप ने कॉल किया और हजारों संख्या में पुलिस को बुलवाया पुलिस के आते आते वह सारे स्टाप को गोलियों से भून चुकी थी और वहाँ से निकलते बनी।पुलिस थाना ही सुन्न कर दिया मुन्नी ने लेकिन किसी ने कुछ नहीं बोला क्योंकि यह तब भी कुछ नहीं बोले थे जब मुन्नी का बलात्कार हुआ था।अगला शिकार उसका ठाकुर था किन्तु उसे अभी बहुतों से बदला लेना था इसलिए वहइस शिकार को छोड़कर दूसरे शिकार पर गई।
क्रमशः
गौरी तिवारी भागलपुर बिहार