धारावाहिक भाग- १
“क्या गलती थी उसकी ?क्या निम्न वर्ग में जन्म लेना पाप है? या गरीब होना पाप है?या फिर स्त्री होना पाप है “।”यह सवाल है मेरा उनलोगो से जो कि स्त्रियों को अहमियत नहीं देते है। जरा सुनिए यह कहानी और बताइए क्या इस लड़की ने कुछ गलत किया ? 14 वर्ष की आयु में अनेकों बार बलात्कार हुआ उसके साथ और किसी ने आपत्ति नहीं जताई ।
“तुझे कौन बोला था अपने चचेरे भाई से झगड़ा करने””लेकिन मां ,मैंने इसमें गलत क्या किया, वह जमीन तो अपनी है ना । “अगर वह हमसे यह जमीन भी छीन लेंगे ,तो हम क्या खाएंगे “वह अपना हिस्सा तो ले चुके है” और अब हमें भी हमारा हिस्सा नहीं लेने देते “?”जाने दे मुन्नी हम इसी में गुजारा कर लेंगे “”सुना है ,चिंटू की मां ठाकुरों के यहां काम करती है ,अगर वह कुछ उल्टा सीधा बोल गई तो हमारा क्या होगा? इसलिए कहती हूं ,तू अपना दिमाग ना लगा।”लेकिन मां वह अपनी जमीन है उसे कैसे लेने दू”?”ज्यादा बाते ना ,बना जितना बोल रही उतना कर”
(अगले दिन )
“मै अपनी बाबूजी की जमीन तुझे नहीं लेने दूंगी “तू कर क्या लेगी मेरा,तेरा बाप तो कुछ कर ना सका अब तू अाई है” “मै यहां से हटने वाली नहीं , मै धरना दूंगी “”सिर फोड़ दूंगा तेरा यह कहते हुए उसके एक इट से मुन्नी के सिर पर मार दिया “”सिर फटते ही मुन्नी खून से लथपथ हो गई “हाय! माय ,जान मार दिया रे ,जान मार दिया हे मुनिया उठ ना गे ,मुनिया उठ ना “”कहे चिल्लाह रही हो कौनो पहाड़ टूट गया है क्या ” मुन्नी के बाबूजी ने उचे आवाज में कहा ।”उससे भी बढ़कर हुआ है चिंटूवा सिर फोड़ दिया मुनिया का””अब मुंह का देख रहे है, वैध बुलाइए नहीं तो इसे भी खो दीजियेगा। “हम बोले थे नहीं लगो उससे मन का सहका है ,चिंटुवा लेकिन नहीं क्रांतिकारी नेता बने फिरती है ,अब भोगो”।वैध आते है और मुन्नी का मलहम पट्टी करते है।कुछ देर बाद मुन्नी कि मां मुन्नी को बहुत सुनाने लगती है ।”का जरूरत था ,फिर से वहां जाने का घर मै खाने का खर्चा नहीं है ,और तुम्हारा इलाज कहां से करवाएं।”ठीक कह रहे थे तेरे बाबूजी की तेरा लगन करवा देना चाहिए “लेकिन मां हमरा उमर नाही है ब्याह करने का । ” हम कुछ नाही जानत हैं और नाही हमें कुछो सुनना है “। “मुनिया के बाबूजी कोनो लड़का है मुन्नी के लिए “”हम भी वही सोचे है लगन हो जाएगा तो जपाल टल जाएगी “फिर क्या था मुन्नी की शादी ऐसे इंसान से हुई ।जो की उससे चालीस पचास साल बड़ा था ।दुख की बात तो यह है कि उस बुड्ढे को भी शर्म नहीं आई पोती की उमर की लड़की से शादी करने में यही नहीं उस बुड्ढे ने उस बच्ची के साथ लगातार कई दिनों तक बलात्कार किया, उसे मारता पिटता ढंग से भोजन भी न देता था । यही नहीं गरीब होने के कारण उसके मां पिता ने भी यह नहीं देखा की उसकी उमर केवल 10 वर्ष की है । निम्न जाति के थे ,असहाय थे ,डरते थे ठाकुरों से ,इसलिए उसे बस एक इस्तेमाल करने वाली समान के तरह उस बूढ़े व्यक्ति के सामने परोस दिया गया। बहुत दिन से मुन्नी अपने मां बाप से मिली नहीं थी। कमजोर शरीर उस बुड्ढे का शर्मनाक हरकत वह झेल नहीं पाई। उसकी हालत दिन -प्रतिदिन और बिगड़ती गई । आखिरकार उसे वापस उसके पिता को अपने घर ले जाना पड़ा ।अपनी गंदी हालत देखकर वह और उसके बाबूजी पुलिस थाने गयें कंप्लेन लिखवाने ।कंप्लेन तो लिखा नहीं किसी ने हुआ यह की थाने के सारे स्टाफ ने मिलकर उसका रेप किया वह भी उसके पिता के सामने ।सोचिए जरा क्या बीती होगी उसके पिता पर। एक पिता के सामने उसकी बेटी का बलात्कार हो रहा था कितनी असहनीय थी ये दृश्य। उसके पिता नजरे नीचे करके बस आँखों से आँसू बहा रहे थें। वह करते भी तो क्या करते लाचार थें उनका कोई सुनने वाला नहीं था और न की इनके पास उन दरिंदो से लड़ने की शक्ति थी।अगर उनके पास कुछ था तो वह था मृत्यु से भय ।शायद इसलिए वह लाचार पड़े हुए थें और अपनी बेटी का बलात्कार होते हुए देख रहे थें।
लेकिन कहते है ना समय में बहुत शक्ति है। यह कोयले को भी हीरा बना देता है ।
क्रमशः
गौरी तिवारी ,भागलपुर बिहार