सुंदरता एक दिन ढल जाएगी, 
बुद्धि भला कहाँ जा पाएगी, 
तुम सुंदर तन का क्या करोगे, 
जब बुद्धि ठेंगा यहाँ दिखाएगी |
बुद्धि पास तेरे होगी तो बंदें, 
चल जाएंगे व्यापार व धंधे, 
जो सुंदरता पर मरोगे तुम, 
मद में तो हो जाओगे अंधे |
मयखाने में नशा होती हैं शराब . 
इंसानों की होती आदत हैं खराब, 
सुंदर तन पर आदमी हैं मरता, 
बुद्धि पर रहता हैं यहाँ हिज़ाब |
अक्लमंदी अगर साथ हो तुम्हारे, 
वो ही तेरे सारे कारज सम्भारें , 
सुंदर तन की जरुरत कितनी, 
दिल को बताती हैं ये हमारे |
बड़े बड़े सूरमा यहाँ हार गए, 
अक्ल छोड़ सुंदरता को ताड़ गए, 
बुद्धि से जब काम लिया नहीं, 
चापलूस उनके उन्हें ही मार गए |
बुद्धि का होना उतना जरूरी, 
सुंदरता होती जितनी मगरूरी , 
जिनको हो जाए इनकी पहचान, 
जिंदगी बन जाए उनकी कस्तूरी ||
शिखा अरोरा (दिल्ली)
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