बीता हुआ हर पल
और आने वाला कल
इन दो तराजुओं के बीच
झूल रहा है पल पल…!!
चलती ही रहती है
ये यात्रा समय की 
न रुकती कहीं भी
न थमती कहीं भी…!!
आते रहते हैं इसमें कई नए पड़ाव
कभी बचपन की मासूमियत
कभी जवानी की रौनक
तो कभी बुढ़ापे का सैलाब…!!
प्रत्येक समय बीत कर
बन जाता है एक याद
चाहे बीता हुआ कल हो
या आने वाला साल…!!
कभी नहीं थमती
ये यात्रा समय की
यह ही संदेश देती है
प्रकृति की हर चाल…!!
थमने के बाद भी 
सांसों की ये डोर
जुड़ जाती है एहसासों से
जाने के बाद भी…!!
फिर भी तो चलती रहती है
ये दुनियां अपनी चाल
क्योंकि नहीं रुकती कभी
ये समय की रफ्तार…!!
कविता गौतम…✍️
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