बिंदिया री बिंदिया,
रंग-बिरंगी अनोखी बिंदिया,
शीर्ष पे चुनरी साजे,
भाल पे साजे बिंदिया,
माथन को है श्रंगार,
चमक दमकती बिंदिया,
बिंदिया री बिंदिया,
रंग-बिरंगी अनोखी बिंदिया,
शोभा इसकी अद्भुत,
संस्कृति का मान बिंदिया,
मान सम्मान इसका,
सुहागन का श्रंगार बिंदिया,
बिंदिया री बिंदिया,
रंग-बिरंगी अनोखी बिंदिया,
सिंदूरी लाल माथे पर,
सौलह श्रंगार की बिंदिया,
घूंघट की ओट से झांके,
साजन का अभिसार बिंदिया,
बिंदिया री बिंदिया,
रंग-बिरंगी अनोखी बिंदिया,
चाँद से मुखड़े पर,
लजाती शर्माती बिंदिया,
जाने अंजाने बन जाती,
महफ़िल की रौनक बिंदिया,
बिंदिया री बिंदिया,
रंग-बिरंगी अनोखी बिंदिया,
नज़रों से ओझल होती,
आँखो के आँसू बनती बिंदिया,
नज़रों से जब बचाती,
डिठोना बनती काली बिंदिया,
बिंदिया री बिंदिया,
रंग-बिरंगी अनोखी बिंदिया,
बिंदिया री बिंदिया ।
स्वरचित रचना
काव्य रचना-रजनी कटारे
जबलपुर ( म.प्र.)