बरसात की एक बूंद जो मेरे रुखसार पर गिरी,
अबसार से ज़ार कतार अश्कों की बारिश होने लगी!
ज़ेहन में कुछ ख्याल उमड़ने लगे,
दिल पर यादों की बदली सी छाने लगी!
कुछ ऐसे ही मौसम में हम उनसे मिले थे,
फूल खुशियों के खिलने लगे थे!
इस कदर हम घुल-मिल गये थे,
साथ जीने साथ मरने लगे थे!
कितना खूबसूरत था अपना जहॉ ,
हर तरफ थीं खुशियॉ ही खुशियॉ!
फिर काली घटा सी छाई,
लोगों ने हम पर नज़रें गढ़ाईं!
तेज़ बिजली कड़कने लगी,
हमारी मोहब्बत सबको खटकने लगी!
एक जोर का तूफान आया और
उजाड़ गया हमारा आशियाना!
फिर गया हमारे अरमानों पर पानी,
खत्म कर दी रस्म ए दुनिया नें,
दो टूट कर चाहने वालों की कहानी !!
हुमा अंसारी