सच्चा प्रेम विश्वास है,
यही निशानी सच्ची है।
आपस के भावों को समझें,
बिन बोले नजरों को पढ़ ले।
आंखो से उमड़े भावों को,
पढ़ ले प्रेम निशानी वो।
दिल से दिल का रिश्ता,
दो शरीर एक प्राण हों ज्यों।
दिल की धड़कन बढ़ जाये,
साजन की आहट को पहचानने।
प्रेम की निशानी है,
अखियां बतिया दिल की कहती।
हाँ प्रेम निशानी है।।।
—-अनिता शर्मा झाँसी
—-मौलिक रचना