हे गलती के पुतले मानव मत करना नादानी 
 भूल अगर हो जाए तो फिर मत करना मनमानी 
 भूल सुधार तभी होती है जब हो मन में ग्लानि 
 वही बड़ा होता  है जिसने 
 दिल से गलती मानी 
 वह इंसान सदा दुनिया में  
रहता है बे चित्त 
 जो गलती करके भी ना करता कोई प्रायश्चित  तन मन पावन रखना है तो बात यह कर लो निश्चित 
 गलती सबसे होती है बस कर लो थोड़ा प्रायश्चित 
                 प्रीतिमनीष दुबे 
                 मण्डला मप्र
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