आंवला पीपल श्रीफल प्रकृति
प्राण विष्णु बृक्ष श्री हरि आशीर्वाद
छाँव भाष्य।।
जन्म स्वास्थ जीवन पथ उद्देश्य मुक्ति बोध मार्ग के विश्राम छाँव की ठाँव ।।
अविरल अविराम भाव का साँच नर नारायण की कलयुग सयुक्तता प्रकृति प्राण ज्ञान बैराग्य अनुराग।।
क्षय क्षरण अक्षय जीवन संसय रहित निर्विघ्न छाँव में रहन सहन अक्षय अभ्यास।।
प्रकृति प्राणि समन्वय ब्रह्म ब्रह्मांड का सत्य समागम परिवार जीवन सार।।
धर्म कर्म दायित्व बोध कर्तव्य का
प्रकृति प्राणि सत्य का ब्रह्म ब्रह्मांड
यथार्थ ।।
अनन्त पुण्य प्रभाव बृक्ष की छांव
पल प्रहर विश्राम आंवला की छांव संकल्प निर्वाह।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।