मेरी प्यारी मां ,,,
 सपनों सी न्यारी मां
हो पास तू अगर 
कुछ नहीं फ़िर चिंता है
तेरे आंचल के तले 
सब कुछ मुझे मिला है 
किया बहुत परेशान तुझे
सब यहीं बताते है
बचपन के दिन तो याद नहीं
पर गर्माहट लाड प्यार की
आज भी महसूस कराते हैं,,,,,,
मचा ढोंग जाने कैसा , कैसा राग अलाप है
जग सारा आज पुज रहा
आज सबको मां की दरकार है
रोक रखा था अब तक किसने,
जो आज ही मां संग फ़ोटो खिंचवाई है
नैन बेचारे तरस गए पग निहारने को
दो टुकड़े सुकूं के दिए नही कभी
आज हाथ बड़े कैक खिलाने को 
उसका कोई दिन कैसे होगा 
जिसके होने से अस्तित्व तेरा है
नहीं चाहती कोई दिन हो उसका
एक एक पल तुमको पुकारती
दो बोल सुबह शाम प्यार के
बस इतना तोहफा वो चाहती 
बस इतना तोहफा वो चाहती…..
© रेणु सिंह राधे ✍️
कोटा राजस्थान
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