आजकल मेरा मन पैरोडी लिखने में बहुत लग रहा है । और न केवल लिखने में अपितु गाने में भी । कल मैंने एक पैरोड़ी लिखी थी न “जे हम तुम चोरी से” उसे गाकर रिकार्ड भी किया था । अब ये तो तुम जानती ही हो कि मुझे प्रतिलिपि पर “अपलोड” करना नहीं आता है । इसलिए इसे रिकॉर्ड कर व्हाट्सएप पर ही डाल दिया है । जिस जिस ने सुनने की ख्वाहिश की उन्हें वहां पर भेज भी दिया है । पता नहीं सुनने में कैसा लगा होगा ? ये तो वही जानें । कमेंट तो एक से बढ़कर एक करते हैं सभी । 
खैर, हमने भी सोच लिया है कि जब तुम हमारी सखि बन ही गई हो तब हम भी इस पैरोडी “शौक” को आगे बढ़ाते रहेंगे । 
तो आज एक बहुत प्रसिद्ध गाने “क्या खूब लगती हो , बड़ी सुंदर दिखती हो” पर पैरोडी तैयार करते हैं । उम्मीद है कि तुम्हें पसंद आयेगी ये पैरोडी । तो चलो, शुरु करते हैं । 
यहां पर भी प्रेमी युगल हैं और प्रेम के पलों में कैसे एक दूसरे को प्रेमरस से भिगो रहे हैं । बस, तुम देखती जाओ ।
पैरोडी : 
तर्ज : फूल तुम्हें भेजा है खत में 
प्रेमी : 
हुस्न की मलिका, रूप की रानी 
या फिर हो तुम कोई परी (दो बार गाना है ) 
ये तो बता दे, स्वर्ग लोक से 
किसके लिये तुम हो उतरी 
प्रेमिका : 
तेरी मुहब्बत, तेरी इनायत मुझे यहां तक ले आई (2) 
हमदम मेरे, इतना समझ ले, तेरे लिये ही मैं आई 
प्रेमी : हुस्न की मलिका, रूप की रानी … 
अंतरा -1 
प्रेमिका : 
तेरे दिल में रहने आई दुनिया से बचकर सजना 
दुल्हन बनकर आऊंगी मैं एक दिन तेरे ही अंगना 
खुशियों से घर भर दूं तेरा, बस यही मेरा सपना 
प्रेमी : 
हुस्न की मलिका, रूप की रानी या फिर हो तुम कोई परी
ये तो बता दे, स्वर्ग लोक से किसके लिये तुम हो उतरी
हुस्न की मलिका रूप की रानी .. 
अंतरा नं -2 
प्रेमी : 
आओ चलें हम ऐसे जहां में जहां पे ना कोई गम हो 
प्यार ही प्यार हो हर दिल में बस, खुशियां कभी भी ना कम हो 
दिल दरिया हो, इश्क समंदर अहसासों की सरगम हो 
प्रेमिका : 
तेरी मुहब्बत तेरी इनायत मुझे यहां तक ले आई 
हमदम मेरे इतना समझ ले तेरे लिये ही मैं आई 
प्रेमी : 
हुस्न की मलिका रूप की रानी या फिर हो तुम कोई परी 
ये तो बता दे स्वर्ग लोक से किसके लिये तुम हो उतरी 
हुस्न की मलिका रूप की रानी .. 
हरिशंकर गोयल “हरि”
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