साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु प्रदत्त विषय
पेट में दाढ़ी होना।
कविता गीत
तर्ज क्या मिलिए, ऐसे लोगों से, जिनकी फितरत छुपी रहे।
दोहा
छोटी उम्र में, जो करे, बड़े काम कर नाम।
दाढ़ी, उसके ,पेट में, कहते लोग तमाम।
पेट में दाढ़ी जिसके होती, वह हर पल यश पाता है।
छोटी उम्र में,चतुर और, विद्वानों में नाम आता है।

1 पूत के पैर,पालने में,बचपन में ही,दिख जाते हैं।
होनहार विरवा के,चीकनें,पात लोग बतलाते हैं।
टेक बाली उमर में, चतुर,पेट में दाढ़ी होना कहलाता है 0………….

2 पेट में दाढ़ी थी, चंद्रगुप्त के, ये चाणक्य ने जाना था।
इसको बनाऊंगा, मैं ,राजा, अपने मन में ठाना था।
टेक बहुत समय विपरीत था, लेकिन,हारी नहीं वो खाता है।

3 गर्गाचार्य, कृष्ण लख, बोले,कि इनके पेट में दाढ़ी है।
Nजगत रचईया,यशुदा छईया, इनकी माया,गाढ़ी है।
टेक ये बलराम ,अनुज मनमोहन, जिनको जग ये,ध्याता है।0……..

4 ऐसे लोग तो,कम होते हैं,जिनके,पेट में दाढ़ी है।
कुदरत उन्हें, विशेष बनाती, सबसे बड़ा, खिलाड़ी हैं।
टेक कभी कभी, धरती पर ऐसे फूल खिलाते विधाता है।0…..

पेट में दाढ़ी जिनके, होती, वह हर पल यश पाता है।
छोटी उम्र में, चतुर और, विद्वानों,का नाम आता है।

बलराम यादव देवरा छतरपुर
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