बड़ी फुरसत लिए
तेरी फुरसत के
इंतजार में हूँ कान्हा।
थोड़ी फुरसत से
एक नजर डालना कान्हा
मेरी एक उम्र की
प्रतीक्षा हैं कान्हा।
तू मशरूफ़ है
अपनी दुनिया में
पर मेरी तो दुनिया
भी तू है कान्हा।
तेरा नाम लेना
तेरे दर्शन पाना
तुझे निहारना
और अंत में तुझ में
ही तो समाना है कान्हा।
तू भगवान नही है मेरा
जो तेरी पूजा करूँ
रोली, अक्षत, कलावे
और भोग से तुझे
प्रसन्न करूँ।
तू मेरा वो अलौकिक
प्रेम है कि बस
तेरा नाम लूँ
और तुझे
हृदय में पा लूँ।
गरिमा राकेश गर्विता
कोटा राजस्थान