जीवन के लिए बहुत जरूरी है पानी।
जीवजंतु मानव पौधे सब चाहें पानी।
पानी बिना ना कुछ भी संभव जानी।
बर्बाद करो ना बिल्कुल भी ये पानी।
ईश्वर ने उपहार दिया बहुत है जानी।
पंच तत्व से बना शरीर बड़ा है ज्ञानी।
इस लिए जरूरी सबहै दिलवर जानी।
धरती आकाश अग्नि हवा और पानी।
इसे बना नहीं सकते तो बचाएं जानी।
जीवन में बड़ा कीमती बूँद-बूँद पानी।
पुरखों ने नदियों में बहते देखा जानी।
अब नदियों में भी कम दिखता पानी।
हमने कुँए तालाबों में जो देखा जानी।
सूखे कुँए तालाब पड़े अब नहीं पानी।
बच्चे नल चांपाकल में देखा ये जानी।
गर्मी में नल धोखा देदेते नहीं है पानी।
ये पीढ़ी बोतल में जल देखा है जानी।
बोतल खरीद-खरीद ये पी रहेहैं पानी।
आगे क्या होगा ये सोचें दिलवरजानी।
अगली पीढ़ी हेतु बचाएं अबतो पानी।
जिसे बना नहीं सकता है कोई जानी।
पर बर्बादी से बचा सकता है ये पानी।
आओ मिल ये संकल्प सब लें जानी।
बेमतलब बर्बाद नहीं करेंगे यह पानी।
रचयिता :
डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव
वरिष्ठ प्रवक्ता-पीबी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
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