साइकिल के पहिए सम ,हम दोनों की ज़िंदगी
चलते हरदम संग संग, है एक दूजे की बंदगी!
दोनों का संतुलन है बराबर, तो बन जाती  हर बात
वरना दोनों रहते ऐसे, एक डाल और एक पात!
दोनों के बीच सामंजस्य ,होना बहुत है ज़रूरी 
रफ़्तार भी एक दूजे की संभालना है मज़बूरी!
एक दूजे के ख्वाहिशों को ,करनी  हमें है पूरी
अटल विश्वास बना रहे , नज़दीकियां हो या दूरी!!
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