थक नहीं सकता कदम हमारा
नाही हमारी लश्य अधूरे रहेंगे
करके मेहनत ज़िन्दगी मे अपने
अपनी मंज़िल के ओर आगे बड़ेगे
ना चिंतित होने दे सकते माता पिता को
अपनी शिक्षा भी अधूरे नहीं रहने देंगे
लड़ेंगे ज़िन्दगी के हर इम्तेहान से हम
ज़िन्दगी के हर चुनौती का सामना करेंगे
आज करेंगे गर दिल से मेहनत
तभी तो कल हमे इसका फल मिलेंगे
हूँ गरीब पर स्वाभिमान भी है हमारा
जो दुनिया के सामने कभी हम झुकने न देंगे
सर पे है ढेरों ज़िम्मेदारीया हमारी
निभाना है हर हाल मे चाहे कितने ही पसीने बहेगे
पाना है अपने मंज़िल को ईमानदारी से
ज़िन्दगी का हर मुकाम हासिल करे गे
पुरे करेंगे हर सपना अपनों का
मन लगाकर अपनी पढ़ाई पूरा करेंगे
करके नौकरी हम अपने कमाई से
पुस्तकों की कमी भी न हम कभी होने दें गे
जो हम कुछ बन न पाए ज़िन्दगी मे
फिर अपने परिवार से रूठी खुशियाँ न लौटा पायेंगे
लिया है खुद से प्रण इस कठिन ज़िन्दगी मे
हम खुद एक नयी अपना पहचान इस दुनिया मे बनाये गे
आज अपने और अपनों के लिए जो हम
इतना परिश्रम करके हम जो ज़िन्दगी मे कुछ बनेगे
कल को ज़ब हर सुख सुभीधा होंगी घर मे हमारे
तो हमसे छोटे भाई बहनो को इतना तकलीफ न सहने पड़ेगे
न गम की बारिश मे भीगे गे कोई
न इन तपती धुप मे हम जैसे कोई अपना जलेंगे
होंगी सर पे छत उनके,ज़िन्दगी भरेंगे रौशनी से
अपने ज़िन्दगी मे हम अपना मंज़िल जो पलेंगे….!!
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नैना…. ✍️✍️