पीलो पीलो पना मोरी जिज्जी की भोतई नोनो बनो।
बगिया सें अमियाँ
बीन के लाई गुरसी में भूँजीं दओ गुर औ पुदीना डार की जिज्जी भोतई नोनो बनो।।
मटका को सीरो पानी डारो कारी मिरच औ जीरा डारो स्वाद लैके देखो एक बार की जिज्जी भोतई नोनो बनो।
जिज्जी संगे अम्मा दद्दा सोई पीके करौ गरमी सेन फिर आर पार की जिज्जी
भोतई नोनो बनो।।
स्वरचित मौलिक अप्रकाशित सर्वाधिकार सुरक्षित डॉक्टर श्रीवास्तव जबलपुर