नारी तू है नारायणी।
नारी तू है भगवती।।
नारी बिना शून्य यह जग।
नारी ही यह सृष्टि रचती।।
नारी तू है ———————-।।
हर ओहदे पर पहुंची है नारी।
अबला नहीं, सबला है नारी।।
संघर्ष की मिसाल है नारी।
जग की जन्नत नारी रचती।।
नारी तू है——————–।।
वीरों की जननी है नारी।
धरती का अमन है नारी।।
नारी बिना खुशियां अधूरी।
नारी ही जगत रोशन करती।।
नारी तू है———————-।।
त्याग की कहानी तू है नारी।
ममता की मूरत तू है नारी।।
देवों की देवी ,जग में नारी।
पालन जग का नारी करती।।
नारी तू है ———————-।।
साहित्यकार एवं शिक्षक-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
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