तेरी मुस्कुराहट से होता घर में मान
नारी तू महान , नारी तू महान , नारी तू महान
सास बहू , मां बेटी बन रहे एक जान
उस दिन नारी तू महान , नारी तू महान
गेरो की संस्कृति के लिए न कर अपमान
अपनी धरोवर पर हो कुर्बान तब नारी तू महान
विज्ञापन का नंगा नाच बंद कर , उठा आवाज
अपनी बात रख बेहिसाब , तब नारी तू महान
अत्याचारी , बलात्कारी का कर वहीं हिसाब
न रोना , न धोना तब नारी तू सचमुच महान
आन पर आईं काली का रूप ले धार एक बार
फिर देख अबला नारी तू महान , नारी तू महान
नर नारी दो ही बगिया के फुल यह पहचान
भेद मिटा यह ,उस वक्त नारी तेरी जय जय कार
हाथ पकड़ एक दूसरे का हो जाए नैया पार
नारी तू महान , नारी तू महान , नारी तू महान
© रेणु सिंह राधे,✍️
कोटा राजस्थान