नशे को कहें न जीवन को कहें हाँ।
दुखदर्द को मिटा के खुशियों को कहें हाँ।।
विषाद को हटा के आनंद को कहें हाँ।
सरल हो जीवन सूखमय भविष्य को कहें हाँ।।
आशा की आस नशे से रहें दूर सब प्रेम को कहें हाँ।
स्वरचित मौलिक अप्रकाशित सर्वाधिकार सुरक्षित डॉ आशा श्रीवास्तव जबलपुर