क्यो आदी बने तुम..
क्यों ज़ायका दिया ज़ुबॉ को
तुमने ज़हर का ?
छोड़ दो ये लत ,अभी भी वक्त है,
ये ज़हर तुम्हे अंदर ही अंदर खा जायेगा ।
नशा कोई भी होअच्छा नहीं होता,
होश में जीता है जो दुश्वारियॉ वही पार कर पायेगा।
खुद को कमज़ोर मत बनाओ ,
है हिम्मत अगर ये नशा छोड़ कर दिखाओ ।
हुमा अंसारी