गुज़र गया कोई पल बुरा तो,
कभी भी ये सोच घबराना ना,
आएगा फिर नया अवसर कल,
हौंसला बस अपना गंवाना ना।
बदल जाती हैं कभी तकदीरे भी,
हाथों में छुपी गहरी लकीरें भी,
बस ये सोच काम करते जाना तुम,
टूटन को मन में कभी बसाना ना।
गुज़र गया कोई पल बुरा तो,
कभी भी ये सोच घबराना ना।
शाश्वत नहीं कुछ भी दुनिया में,
बदलाव से कभी ढह जाना ना,
ऐसे ही चलती ही ये सृष्टि सदा,
भ्रम से अपना दिल बहलाना ना।
गुज़र गया कोई पल बुरा तो,
कभी भी ये सोच घबराना ना।
पूजा पीहू