‘विचार’
कहते ही नहीं अपितु अकाट्य सत्य हैे कि गया वक्त वापस नहीं मिलता किंतु प्रत्येक मंजिल के लिए एक नया अवसर अवश्य मिलता है।उसका भरपूर लाभ उठाइये। निष्ठा, विश्वास एवं अनवरत बिना परिणाम की फिक्र किए लगे रहिए एक न एक दिन मंजिल आपके कदमों तले होगी। यह भी पूर्णतः निश्चित है।
धन्यवाद!
राम राम जय श्रीराम!
द्वारा – सुषमा श्रीवास्तव,मौलिक विचार, सर्वाधिकार सुरक्षित, रुद्रपुर, उत्तराखंड।