भारत धर्म निरपेक्ष देश है,सब धर्मों का करता आदर।
प्रेम व भाई चारा है शक्ति,गंगाजमुनी संस्कृति आदर।
आजाद हिंद के वासिंदे हैं,सब को मौलिक अधिकार।
बिना वजह क्यों फैल रहा,फिर आपसी क्यों तकरार।
नव संवत्सर रामनवमी व,हनुमान जयंती शोभायात्रा।
पत्थरबाजी हुई राज्यों के,शहरों में दौराने शोभायात्रा।
धार्मिक कार्य एवं यात्राएं,खुशियों के लिए ये होती हैं।
साम्प्रदायिक सौहार्द्र बढ़े,नफरत हेतु नहीं ये होती हैं।
ठीक नहीं ये कृत्य है ऐसा,धार्मिक उन्माद ना फैलाएं।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई,बोएं न कांटे व ना फैलाएं।
किसी धर्म की शोभायात्रा,हो तो पथ में फूल बरसाएं।
एक दूजे के धर्म का आदर, करें एवं बच्चों से करवाएं।
जान माल संपत्ति की क्षति,होती है जब दंगा होता है।
निर्दोषों को पिसना पड़ता,जब भी ऐसा कुछ होता है।
बिना वजह की बहसें होतीं,टीवी चैनल पे चले डिबेट।
ऊट पटांग दलीलें सब देते,अर्थपूर्ण न हो कोई डिबेट।
ये विकास में घातक होता,हर राष्ट्र राज्य परिवेश हेतु।
उन्नति प्रगति रोजगार भी,बाधक हो जाताहै देश हेतु।
जियें शांति से व जीने भी दें,प्रगति देश की मत रोकें।
मिल जुल कर रहना सीखें,ये धार्मिक तनाव को रोकें।
रचयिता :
डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.