शक्तिशाली का गुणगान करना
फायदे का सौदा रहा है हमेशा से,
यह जानते हुए भी
कमजोर के पक्ष में जो इंसान
आवाज उठाएगा
वही इंसान एक दिन
न्याय की सही परिभाषा गढ़ पाएगा।
धनवान का गुणगान करना
फायदे का सौदा रहा है हमेशा से,
यह जानते हुए भी
गरीब के पक्ष में जो इंसान
आवाज उठाएगा
वही इंसान एक दिन
समानता की सही परिभाषा गढ़ पाएगा।
सरकार का गुणगान करना
फायदे का सौदा रहा है हमेशा से,
यह जानते हुए भी
जनता के पक्ष में जो इंसान
आवाज उठाएगा
वही इंसान एक दिन
लोकतंत्र की सही परिभाषा गढ़ पाएगा।
धारा के साथ बहना
ज्यादातर लोगों ने चुना है हमेशा से,
यह जानते हुए भी
धारा के विपरीत तैरने का हौसला
जो इंसान रख पाएगा
वही इंसान एक दिन
संघर्ष की सही परिभाषा गढ़ पाएगा।
जितेन्द्र ‘कबीर’
यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है ।
साहित्यिक नाम – जितेन्द्र ‘कबीर’
संप्रति – अध्यापक
पता – जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश