धरती का स्वर्ग 
माँ के चरणों में होता,
मेरी तो है बस यही मान्यता ।
लाख जाये मनुष्य काशी और काबा,
दर दर भटके माथा टेके,
ईश्वर को खोजे बेतहाशा, 
पर पाये स्वर्ग 
मात पिता की सेवा से,
गर उनके चरणों की करले पूजा ।
धरती पर होते भगवान वही,
क्या हो गर दिखते इन्सान सही,
माँ पाल पोश कर बड़ा करे,
सभ्यता और संस्कार देवे,
 धरती पर रहने के काबिल बनाकर,
इस जीवन का उद्धार करे,
स्वर्ग तो देखा नहीं हमने 
पर तेरे सानिध्य में माँ
तेरे चरणों में ,
मुझे स्वर्ग की अनुभूति मिले,
धरती का स्वर्ग लगे ।।
,,,,,,,,,,,,डॉली मिश्रा ‘पल्लवि’✍️
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