माधवं केश्ववम कृष्ण दामोदरम भगवतम भाव धन्य राधे राधितम!!
 माधवम केशवम कृष्ण दामोदरम भगवतम भाव धन्य राधे राधितम!!
भाग्य भी है भगवान् भी है  मिटाता भी है तो बनाता भी है!! 
माधवम केशवम कृष्ण दामोदरम भगवतम भाव धन्य राधे राधितम!!
इच्छा भी है तू परीक्षा भी है भाव भक्ति में नाचता भी है तू, इशारों पे युग को नचाता है भी है तूं ही विधि विधान विधाता भी है!! 
माधवम केशवम कृष्ण दामोदरम भगवतम भाव धन्य राधे राधितम!!
नंद नन्दन यशोदा का लाडला कर्म ग्यान कि ज्योति जलाता भी है बसु्‍धैव कुटुम्बकम का कृष्ण है मर्म सृष्टि कि दृष्टि का विश्वास है!!
 
माधवम केशवम कृष्ण दामोदरम भगवतम भाव धन्य राधे राधितम!
नर का नारायण पुरुष का पुरूषार्थ है जिसका कोई नही उसका संसार हैं सत्य का सारथी मित्र कि मित्रता का मर्म मर्यादा सम्मान है!! 
माधवम केशवम कृष्ण दामोदरम भगवतम भाव धन्य राधे राधितम!!
 
रास रसिया रसिक महारास है गोपियों का गोपेश्वर नारी कि लाज़ है, है प्रेम जगत में सार और कछु सार नहीं का सार है!! 
माधवम केशवम कृष्ण दामोदरम भगवतम भाव धन्य राधे राधितम धितम!! 
जगत का गुरु योगियों का योगेश्वर परम ब्रह्म ब्रह्माण्ड का सत्य सत्यार्थ हैं!! 
माधवम केशवम कृष्ण दामोदरम भगवतम भाव धन्य राधे राधितम!।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।
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