दादी के किस्से ,हमें बहुत है भाते
उनकी कहानियों में ,हम ऐसे खो जाते 
कभी रुलाते तो, कभी हमको हसाते 
सुनहरी यादों की, बचपन की वो बाते ।।
दादी ,कहानियों को ऐसे कहती
सुनने की जिज्ञासा, हमारी भी बढ़ती
रोचकता से भरी, उनकी किस्से जो होती 
मीठी वो यादें ,मुझे आज भी भली लगती ।।
दादी, नाना-नानी से, किस्से खूब सुनें
बचपन की प्यारी यादें,जैसे कहानियों में बुने
दादी का आशीर्वाद ,सदा हम पर रहे
बैठेंगे दादी संग, उन किस्सों को फिर से सुनने ।।
💖बहुत याद आती है बचपन की वो प्यारी यादें……….
                 
                                   मनीषा भुआर्य ठाकुर(कर्नाटक)
               
Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *