ना ही मै हंसा , ना हीं खुल कर रो सका
दर्द अपना किसी से बयां ना कर सका ।
तेरे जाने के बाद , बड़ा भारी गुज़र रहा
ज़िंदगी का हर एक लम्हा ।
खुशियों से दामन छूट गया,
ग़मों ने मुझे कस कर जकड़ा ।
ग़ुज़रे दिन का जमावाड़ा है लगा,
तेरे जाने के बाद ,ना मै जी रहा ना मर रहा।
तुझे भुलाने की हर कोशिश में नाकाम रहा
तेरे नाम का मुझपर इल्ज़ाम लगा,
जो मुझसे मिटाया ना जा रहा
तेरे जाने के बाद ,मै किसी का ना हुआ ।
हुमा अंसारी