साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु प्रदत्त विषय

तू डाल डाल मैं पात पात

सौ बातों की एक बात।

तू डाल डाल मैं पात पात।

जहां तुम बहां हम।

मैं भी नहीं हूं, तुमसे कम।

तुम हो चांद,तो मैं हूं रात।

रहते हैं हम साथ साथ।0…..

करना न कभी तुम घात घात ।

सहनी होगी प्रतिघात घात।

गर तुम हो शेर,तो हम सवा सेर।

ये सब है, आज,समय का फेर।

बदला है समय,जरा लगी लगी देर।

बलवान भी अब,हो गये ढेर ।

हमने बोली ये सही बात।

तू डाल डाल मैं पात पात।

गर तुम हो बीस,तो हम इक्कीस।

मुझको न ,समझो,अब उन्नीस।

ये हैं मेरे ,दिल के जज्बात।

हम साथी नहीं है,फिर भी साथ।

अगर पुरुष है, डाल डाल,तो नारी है,पात पात।

इक दूजे का सदा साथ।

आगे बढ़ते हैं पकड़ हाथ।

नारी नर से कमजोर नहीं।

नर का उस पर कोई जोर नहीं।

तू डाल डाल मैं पात पात।

तू डाल डाल मैं पात पात।

बलराम यादव ,देवरा छतरपुर

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