ये मेरे संस्कारो मे नही
बस इतना पता है मुझे
25 दिसम्बर को तुलसी दिवस है।
यही मेरे संस्कार है,जो मुझे मेरी माँ ने दिए
और बताया कैसे दुख हर लेती है,तुलसी माँ
और यही संस्कार मैने दिए
विरासत मे अपनी बेटी को
बस एक चिराग सुबह शाम
इसके चरणो मे अर्पित करो
और मुह माँगी मुराद से
अपनी अपनी झोली भरो
नित सुबह स्नान कर जल अर्पित करो
घर मे सुख और शान्ती भरो।
हर लेती है तुलसी माँ कष्ट सभी
आने वाले दुखो को अपने उपर झेल
सूख जाती है तुलसी हरी-भरी।
तुलसी माँ का पूजन कर
नारी रहे सौभाग्यवती।
तुलसी माँ रक्षा करे
हर भक्त के सुहाग की।
जो नारी करे पूजा तुलसी मात की
छाया मे रहे सदैव अपने नाथ की।
जय तुलसी माँ कविता गुज्जर