शादी से पहले यह चाय ,
नहीं थी मेरी दोस्त खास। 
पर शादी के बाद पति के साथ साथ,
बन गई यह भी दोस्त कुछ खास। 
क्योंकि मेरे प्यारे पति,
सुबह की पहली किरण के साथ इसको होठों से लगाते हैं। 
और मेरा दिन तब बन जाता है वह मुस्कुराहट देखकर,
जो है यह चाय पीकर मुझे दिखाते हैं। 
ऐसे ही देखते देखते चाय और मेरा,
कुछ खास रिश्ता बन गया है। 
ऐसा लगता है मानो शादी के बाद एक नहीं,
दो दोस्तों का साथ मिल गया है। 
इस चाय ने बस मेरे और मेरे पति के बीच,
रिश्ता ही नहीं बनाया। 
मानो जैसे उनके दिल तक,
जाने का रास्ता मुझे दिखाया। 
पता नहीं था एक  दिन,
यह चाय भी मेरे लिए इतनी खास बन जाएगी। 
सुबह उठते ही सबसे पहले,
चाय की प्याली बनाने की बात ख्याल में आएगी। 
बहुत बार कुछ अनजान भी,
अच्छे दोस्त बन जाते हैं। 
जैसे मैं और चाय एक दूजे का साथ,
सुबह से शाम तक निभाते हैं। 
– नीति अनेजा पसरीचा
  रुद्रपुर,उत्तराखंड
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