तुम मेरे आराध्य हो शिव, 

तुम मेरे भगवान
करती हूँ विश्वास मैं, 
मन से करती हूँ आराधना! 
सच है कि दुनिया को 
तुम नजर नहीं आते हो
मगर सच यह भी है कि 
सब साथ छोड़ देते हैं जब,
कुल दुनिया में बस-
एक तुम ही नज़र आते हो! 
तुम भूल जाओ मुझे कभी, 
हर पल तुम्हें पुकारती हूँ मैं
किसी पल में तुम्हें मैं भूल न जाऊँ, 
मन में मूरत सजा कर
करती हूँ मैं तेरे नाम की साधना! 
चाहत नहीं कि दुनिया हो कदमों में! 
हे शिव! सुन लेना मेरी प्रार्थना, 
जन्म-जन्म रखना मुझे अपने चरणों में!
हे शिव! तुम करना कृपा,
मेरे शीश पर हाथ धरना
रहना सदा मेरे सहाय, 
सफल करना मेरी साधना!  
सारा जग जब हो विरुद्ध, 
बेटी तुम्हारी अकेली है जग में,
याद इतनी सी बात तुम रखना,
कठिन डगर हो, दुर्गम सफर हो, 
साथ मेरे बस एक तुम चलना, 
हर पीडा सह लूंगी, हर कष्ट पर चुप रह लूंगी,
मेरे शीश पर हाथ तुम रखना!
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