माफ करना, तुम्हें हम भूला नहीं सके।
यादें बीते पलों की, मिटा नहीं सके।।
माफ करना तुम्हें——————-।।
नाम सुनकर हमारा, तेरा सहम जाना।
हमसे फिर तुम्हारा, नाराज हो जाना।।
तेरी तस्वीर,दिल से मिटा नहीं सके।
यादें बीते पलों की,मिटा नहीं सके।।
माफ करना तुम्हें—————–।।
हमें देखकर, पलकें अपनी झुकाना।
बातें दिल की, अपनी निगाहों से कहना।।
प्यार अपना हम, तुमसे मिटा नहीं सके।
यादें बीते पलों की,मिटा नहीं सके ।।
माफ करना तुम्हें——————–।।
तेरी तहजीब से हमको, मोहब्बत है।
तेरी सोहबत से करना सीखें, इज्ज़त है।।
तुमसे दामन अपना हम, छुड़ा नहीं सके।
यादें बीते पलों की, मिटा नहीं सके।।
माफ करना तुम्हें——————-।।
साहित्यकार एवं शिक्षक-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
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