अंजाना होकर भीजाना पहचाना सा लगा…क्यूं तुम्हारा शहरअपना सा लगा…कभी तुम से ना कोईराबता ही रहा…फिर क्यूं तुम्हारे शहर से वास्ता सा रहा…कविता गौतम…✍️ कविता गौतम…✍️Spread the love Post navigation मेरी कविता❣️🇮🇳सोने की चिड़िया🇮🇳❣️